Class 10 History Chapter 1 | यूरोप में राष्ट्रवाद का उदय | ‍ Questions and answers

         HISTORY









1. कल्पनादर्श (यूटोपिया) क्या है?

उत्तर:- (क) सभी प्रकार के भेदभाव से मुक्त एक ऐसा आदर्श समाज की कल्पना जो इतना आदर्श है कि उसका साकार होना लगभग असंभव है, यूटोपिया या कल्पनादर्श के नाम से जाना जाता है। 

(ख) इसके प्रणेता फ्रांसीसी कलाकार फ्रैड्रिक सॉरयू थे। 

(ग) इसे 1848 में बनाया गया था।


2. निरंकुशवाद (Absolutism) क्या अर्थ है?

उत्तर:- ऐसी सरकार या शासन व्यवस्था जिस की सत्ता पर किसी प्रकार का कोई अंकुश नहीं होता। इतिहास में ऐसी राज्य सरकारों को निरंकुश सरकार कहा जाता है।
निरंकुश सरकार की विशेषता:-
(क) अत्यधिक केंद्रीकृत
(ख) सैन्य बल पर आधारित
(ग) दमनकारी सरकार


3. रक्त और लौह की नीति से आप क्या समझते हैं?

उत्तर:- जर्मनी के एकीकरण की प्रक्रिया के दौरान प्रशा के चांसलर बिस्मार्क ने घोषणा की कि एकीकरण के मुद्दे को संसदीय उपायों द्वारा नहीं बल्कि कठोरतापूर्वक सुलझाया जाएगा। उसकी इस नीति को 'रक्त और लौह की नीति' या 'खून और खड्ग की नीति' कहा जाता है।


4. नेपोलियन बोनापार्ट कौन था?

उत्तर:- (क) नेपोलियन बोनापार्ट फ्रांस का एक महान सेनानायक था जिसके नेतृत्व में फ्रांस में अनेक विजय प्राप्त की।
(ख) बाद में उसे फ्रांस का पहला सम्राट घोषित किया गया।
(ग) इसके द्वारा उदारवादी शासन व्यवस्था के लिए बनाई गई नेपोलियन संहिता बहुत प्रसिद्ध हुई।


5. रूपक से आपका क्या तात्पर्य है?

उत्तर:- (क) जब किसी अमूर्त भावना या विचार को किसी मूर्त आकृति के रूप में दर्शाया जाता है तो इसे रूपक कहा जाता है। 
(ख) टूटी हुई जंजीर, मशाल, नारी के रूप में राष्ट्र का कल्याणकारी स्वरूप आदि जन-जन में राष्ट्रीयता की भावना को जगा देता है, यह सब रूपक के उदाहरण हैं।


5. बिस्मार्क कौन कौन था? उसने कौन सी नीति अपनायी?

उत्तर:- (क) बिस्मार्क प्रशा  का चांसलर था ।
(ख) जर्मनी के एकीकरण में इसकी अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका थी।
(ग) बिस्मार्क ने जर्मनी के एकीकरण के लिए 'खून और खड्क' यानी 'लौह और रक्त की नीति' अपनायी।


6. रूढ़ीवादी से क्या अभिप्राय है?

उत्तर:- 1. ऐसा राजनीतिक दर्शन जो:-
(क) परंपरा
(ख) स्थापित संस्थानों
(ग) स्थापित रीति-रिवाजों पर जोर देता है
2. और तेज बदलावों की बजाय क्रमिक और धीरे-धीरे विकास को प्राथमिकता देता है।


7. उदारवाद से क्या अभिप्राय है?

उत्तर:- उदारवाद की उत्पत्ति लेटिन भाषा के liber शब्द से हुआ है जिसका अर्थ होता है-आजादी या स्वतंत्रता। 
1. व्यापक अर्थों में उदारवाद का अर्थ:- 
(क) कानून के समक्ष समानता
(ख) आम सहमति से बनी सरकार
(ग) विशेषाधिकारों का विरोधी
(घ) सभी नागरिकों के लिए मताधिकार का समर्थन करता है।
2. आर्थिक क्षेत्र में उदारवाद:-
(क) मुक्त बाजार
(ख) वस्तुओं तथा पूंजी का मुक्त प्रवाह तथा नियंत्रण
(ग) मुक्त व्यापार का समर्थन करता है।

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